The Basic Principles Of Hindi poetry
मेरे अधरों पर हो अंितम वस्तु न तुलसीदल प्याला ज्वाल सुरा जलते प्याले में दग्ध हृदय की कविता है, बने पुजारी प्रेमी साकी, गंगाजल पावन हा
मेरे अधरों पर हो अंितम वस्तु न तुलसीदल प्याला ज्वाल सुरा जलते प्याले में दग्ध हृदय की कविता है, बने पुजारी प्रेमी साकी, गंगाजल पावन हा