THE BASIC PRINCIPLES OF HINDI POETRY

The Basic Principles Of Hindi poetry

The Basic Principles Of Hindi poetry

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मेरे अधरों पर हो अंितम वस्तु न तुलसीदल प्याला

ज्वाल सुरा जलते प्याले में दग्ध हृदय की कविता है,

बने पुजारी प्रेमी साकी, गंगाजल पावन हाला,

हाथ पकड़ लज्जित साकी को पास नहीं जिसने खींचा,

पाग बैंजनी, जामा नीला डाट डटे पीनेवाले,

जीवन की मधुता तो तेरे ऊपर कब का वार चुका,

आज निछावर कर दूँगा मैं तुझ पर जग get more info की मधुशाला।।२।

जगती के ठंडे प्याले सा पथिक, नहीं मेरा प्याला,

बजी नफ़ीरी और नमाज़ी भूल गया अल्लाताला,

ज्ञात हुआ यम आने को है ले अपनी काली हाला,

हिम श्रेणी अंगूर लता-सी फैली, हिम जल है हाला,

पीकर खेत खड़े लहराते, भारत पावन मधुशाला।।४४।

कितने अरमानों की बनकर कब्र खड़ी है मधुशाला।।८९।

श्रम, संकट, संताप, सभी तुम भूला करते पी हाला,

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